परमेश्वर ने अदन की वाटिका में भले और बुरे के ज्ञान का वृक्ष लगाया, क्योंकि आदम और हव्वा संपूर्ण नहीं थे। संपूर्ण लोगों के लिए व्यवस्था रुकावट नहीं बनती। जैसा कि लिखा है:
1 तीमुथियुस अध्याय 1 आयत 9 『यह जानकर कि व्यवस्था धर्मी जन के लिये नहीं पर अधर्मियों, निरंकुशों...』 के लिए बनाई गई है। जो संपूर्ण नहीं है, उसके लिए व्यवस्था बड़ी रुकावट बनती है। इसके बारे में प्रेरित पौलुस ने कहा: रोमियों अध्याय 7 आयत 10 『और वही आज्ञा जो जीवन के लिये थी, मेरे लिये मृत्यु का कारण ठहरी। क्योंकि पाप ने अवसर पाकर आज्ञा के द्वारा मुझे बहकाया, और उसी के द्वारा मुझे मार भी डाला।』 अदन की वाटिका में यह आज्ञा थी कि भले या बुरे के ज्ञान का जो वृक्ष है, उसका फल तू कभी न खाना। परन्तु शैतान ने अवसर पाकर हव्वा को बहकाया कि वह भले या बुरे के ज्ञान का वृक्ष तोड़कर खाए, और हव्वा ने उसे आदम को दिया, और आदम ने उसे खाया, अत: उन दोनों को मृत्यु आई(उत 3:1-6 संदर्भ)। व्यवस्था जीवन देने के लिए बनाई गई थी, परन्तु मनुष्य उसे तोड़कर मृत्यु में बंध गए।
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