जब आप परमेश्वर के द्वारा सृजी गई सारी वस्तुएं देखते हैं, तो आप समझ सकते हैं कि पिता परमेश्वर के साथ माता परमेश्वर भी होनी चाहिए।
परमेश्वर के द्वारा सृजी गई वस्तुओं में से आइए हम जीवित प्राणियों के बारे में सोचें। जीवित प्राणियों के पैदा होने के लिए पिता और माता दोनों होने चाहिए।
वह परमेश्वर हैं जिन्होंने अपनी इच्छा के अनुसार सब वस्तुओं की सृष्टि की(प्रक 4:11)। तब इसमें परमेश्वर की इच्छा क्या है कि पिता और माता के द्वारा जीवन पैदा हो?
वह हमें यह जानने देने के लिए है कि जैसे बहुत से जीवित प्राणी पिता और माता के द्वारा जीवन पाते हैं, वैसे ही हमारी आत्माएं भी पिता परमेश्वर और माता परमेश्वर के द्वारा अनंत जीवन पाती हैं।
तब क्या बाइबल में पिता परमेश्वर के साथ-साथ माता परमेश्वर भी हैं?
फिर परमेश्वर ने कहा, “हम मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार अपनी समानता में बनाएं...”उत 1:26
परमेश्वर ने खुद को “मैं” कहने के बजाय क्यों “हम” कहा?
तब परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया, अपने ही स्वरूप के अनुसार परमेश्वर ने उसको उत्पन्न किया; नर और नारी करके उसने मनुष्यों की सृष्टि की।उत 1:27
परमेश्वर के स्वरूप में, नर और नारी बनाए गए। इसका मतलब है कि नर स्वरूप के पिता परमेश्वर और नारी स्वरूप की माता परमेश्वर हैं।
फिर परमेश्वर ने कहा, “हम मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार अपनी समानता में बनाएं...”उत 1:26
इसलिए परमेश्वर ने कहा, “हम।”
इसलिए जब हम परमेश्वर पर विश्वास करते हैं, हमें केवल पिता परमेश्वर पर नहीं, बल्कि माता परमेश्वर पर भी विश्वास करना चाहिए। तब ही हम अनन्त जीवन पा सकते हैं जिसका परमेश्वर ने हमसे वादा किया है।
चर्च ऑफ गॉड वर्ल्ड मिशन सोसाइटी पिता परमेश्वर और माता परमेश्वर पर विश्वास करता है।
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