दक्षिण यहूदा ने परमेश्वर की इच्छा के अनुसार फसह मनाया
और उसके दुश्मनों के उस पर आक्रमण करने पर भी वह बचाया गया।
हालांकि, उत्तर इस्राएल ने परमेश्वर की आज्ञाओं का उपहास किया
और आखिरकार पूरी तरह से नष्ट हो गया।
लोग इस पृथ्वी पर आने वाली विपत्तियों को सिर्फ शारीरिक रूप से देखते हैं।
हालांकि, यह आत्मिक मामला है कि परमेश्वर इस पृथ्वी पर
विपत्तियां लाते हैं। परमेश्वर ने हमें बताया है कि वह विपत्तियां
इसलिए लाते हैं क्योंकि लोग उनकी आज्ञा नहीं मानते।
यहोवा ने हमारे ऊपर यह सारी बड़ी विपत्ति डालने के लिये क्यों कहा है?
... यहोवा की यह वाणी है : क्योंकि तुम्हारे पुरखा मुझे त्यागकर
दूसरे देवताओं के पीछे चले, और उनकी उपासना करके उनको दण्डवत् की,
और मुझ को त्याग दिया और मेरी व्यवस्था का पालन नहीं किया।
यिर्मयाह 16:10-11
मसीह आन सांग होंग जो दूसरी बार आए यीशु हैं,
उन्होंने इस युग में परमेश्वर की आज्ञाओं को पुन:स्थापित किया है।
इसलिए परमेश्वर का अनुग्रह चर्च ऑफ गॉड पर उंडेला गया है
जो नई वाचा मनाता है, और किसी भी विपत्ति से हमारी रक्षा की जाती है,
जैसे दक्षिण यहूदा की रक्षा की गई थी।
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