प्रायश्चित के दिन, जब मानवजाति जानबूझकर और अनजाने में, स्वर्ग में और इस पृथ्वी पर किए गए सभी पापों के लिए
परमेश्वर के सामने पश्चाताप करती हैं, तो उन्हें परमेश्वर के अनुग्रह के द्वारा उनके पापों से क्षमा किया जाएगा
और उन्हें स्वर्ग के राज्य में लौटने का अवसर दिया जाएगा।
जैसे यीशु इस पृथ्वी पर आए और कहा, “मन फिराओ, क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट आ गया है,”
वैसे ही मसीह आन सांग होंग जी और माता परमेश्वर भी मानवजाति को पूर्ण पश्चाताप प्राप्त करने,
विपत्तियों से बचने और उद्धार पाने के लिए कह रहे हैं।
यीशु ने उनको उत्तर दिया, “वैद्य भले चंगों के लिये नहीं, परन्तु बीमारों के लिये आवश्यक है।
मैं धर्मियों को नहीं, परन्तु पापियों को मन फिराने के लिये बुलाने आया हूँ।”
लूका 5:31-32
सुनो, यहोवा का हाथ ऐसा छोटा नहीं हो गया कि उद्धार न कर सके, न वह ऐसा बहिरा हो गया है कि सुन न सके;
परन्तु तुम्हारे अधर्म के कामों ने तुम को तुम्हारे परमेश्वर से अलग कर दिया है, और तुम्हारे पापों के कारण उसका मुख तुम से ऐसा छिपा है कि वह नहीं सुनता।
यशायाह 59:1-2
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