जैसे यह देखने के लिए एक साहुल लगाया जाता है कि कोई इमारत
सीधी बनाई जा रही है या नहीं, वैसे परमेश्वर अपनी संतानों को यह देखने के लिए
कि क्या वे अपने विश्वास के घर को ठीक वैसे ही बना रहे हैं परीक्षा देते हैं
जैसे परमेश्वर ने अय्यूब, शद्रक, मेशक और अबेदनगो के साथ किया था।
हालांकि, उन्हें हमेशा अंत में आशीष मिलती है।
मसीह आन सांग होंग और माता परमेश्वर ने उन सदस्यों को जो आज अपने
विश्वास के घर बना रहे हैं, सिखाया है कि जब परमेश्वर सारे संसार की परीक्षा लेंगे,
तो वह प्रत्येक व्यक्ति के शब्दों, कार्यों और मनों की जांच करेंगे
और फिर उन अविश्वासियों पर विपत्ति लाएंगे जो कुड़कुड़ाते और शिकायत करते हैं।
उन्होंने सदस्यों को यह भी सिखाया है कि चाहे कोई भी परिस्थिति हो,
हमेशा केवल स्वर्ग और परमेश्वर के बारे में सोचना चाहिए।
उसने मुझे यह भी दिखाया : मैं ने देखा कि प्रभु साहुल लगाकर
बनाई हुई किसी दीवार पर खड़ा है, और उसके हाथ में साहुल है...
तब परमेश्वर ने कहा, “देख, मैं अपनी प्रजा इस्राएल के बीच में
साहुल लगाऊंगा। मैं अब उनको न छोड़ूंगा।”
आमोस 7:7-8
“मैं उसके बच्चों को मार डालूँगा; तब सब कलीसियाएं जान लेंगी
कि हृदय और मन का परखनेवाला मैं ही हूं, और मैं तुम में से
हर एक को उसके कामों के अनुसार बदला दूंगा।”
प्रकाशितवाक्य 2:23
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