परमेश्वर ने इस्राएलियों को जंगल में सब्त का दिन जैसे अपने नियमों का पालन करने के लिए प्रशिक्षित किया ताकि वे कनान में परमेश्वर की व्यवस्था का पालन कर सकें।
उसी तरह, परमेश्वर उन लोगों को जो स्वर्ग के राज्य की आशा रखते है, स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करने से पहले उनके दैनिक जीवन में स्वर्गीय भाषा, जो प्रेम, विश्वास, आशा और उद्धार की भाषा है, सीखने की अनुमति देते हैं।
स्वर्गीय भाषा बोलने वालों को परमेश्वर की आशीषें प्राप्त हुई।
यहोशू और कालेब ने कनान में प्रवेश किया, और दानिय्येल के तीन दोस्तों को धधकती भट्ठी से बचाया गया।
उसी तरह, जो लोग मसीह आन सांग होंग और माता परमेश्वर की शिक्षाओं के अनुसार स्वर्गीय भाषा बोलते हैं, वे अनन्त स्वर्ग के राज्य में प्रवेश कर सकते हैं।
इसलिये कि हम सब बहुत बार चूक जाते हैं; जो कोई वचन में नहीं चूकता वही तो सिद्ध मनुष्य है और सारी देह पर भी लगाम लगा सकता है। . . .जीभ भी एक आग है; जीभ हमारे अंगों में अधर्म का एक लोक है, और सारी देह पर कलंक लगाती है, और जीवन–गति में आग लगा देती है, और नरक कुण्ड की आग से जलती रहती है।
याकूब 3:2-6
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